صارف 2402:8100:27F8:83EC:0:1:911A:4201 کی شراکتیں
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6 اپریل 2023ء
- 18:1218:12، 6 اپریل 2023ء فرق تاریخچہ +2,533 تبادلۂ خیال صارف:جمیلہ قادری رحمۃ اللہ علیہ ←अगर कोई कहता है की शाह जहां वली अल्लाह थे हम कहते हैं उनकी वलायत ताज महल से खत्म हो जाती है वालियों की दास्तां पढ़ा ही नहीं मंजिल क़रीब से देखा है हुस्न की मोहब्बत हो या अल्लाह वो नबी से मोहब्बत मोहब्बत में महल बनाने की यादगार नहीं मिलता हम जिन्हे देखा नही अल्लाह से क़रीब होने का सनद नही देते कुरान और हदीस में जिक्र है जिनकी दिल से कबूल है हमारी मोहब्बत की दास्तां दिल ही दिल में है वसी वसी अहमद क़ादरी वसी अहमद अंसारी ब्रह्माण्ड विचारक कवि! लेखक 20 जनवरी 2023: نیا قطعہ (ٹیگ: ردِّ ترمیم ترمیم از موبائل موبائل ویب ترمیم نیا موضوع)
- 18:1118:11، 6 اپریل 2023ء فرق تاریخچہ +1,581 تبادلۂ خیال صارف:جمیلہ قادری رحمۃ اللہ علیہ ←जो दिल को पसंद आए शेर_ ओ शायरी उसी को कहते हैं पंक्ति _ तुकबंदी _ अनुस्मारक और तनिथ डिग्री वाले की उपज है केया ख़ूब हुआ रेख्ता की वजूद जैसे कविता में शमा जलती है सिद्ध फिक्र को बिखरने नहीं दिया उस बहर का नाम रेख्ता है वसी अहमद क़ादरी वसी अहमद अंसारी ब्रह्माण्ड विचारक कवि! लेखक: نیا قطعہ (ٹیگ: ردِّ ترمیم ترمیم از موبائل موبائل ویب ترمیم نیا موضوع)
- 18:0918:09، 6 اپریل 2023ء فرق تاریخچہ +7,326 تبادلۂ خیال صارف:جمیلہ قادری رحمۃ اللہ علیہ /* बात सिर्फ एक अहम रात शब ए बारात की नही जिंदगी है सच्चाई _ ईमानदारी और इंसाफ करने के साथ गुजरने की जिस कोठरी में सोता है वसी शाम 8 बजे दाखिल होगए नमाज़ ईसा पढ़ी शब ए बारात_ रात की इरकान अदा किया न निकले कोठरी से न देखा किसी ने शब ए बारात की रात में जो करना था तिलावत ए कुरान फ़रमान नबी अदा किया दरूद शरीफ़ से धरती रौशन किया अस्तगफार से शैतान को कैद किया यह सब बातें जिसकी जैसी नियत वो यकीन होता वही कबूल होता तमाम पैगंबर_किताब ए रसूल _फरिश्ते और मखलुकात को सलाम किया है हजारों सलाम अपने... (ٹیگ: ردِّ ترمیم ترمیم از موبائل موبائل ویب ترمیم نیا موضوع)
- 18:0618:06، 6 اپریل 2023ء فرق تاریخچہ +3,518 تبادلۂ خیال صارف:جمیلہ قادری رحمۃ اللہ علیہ /* फिक्र वो तहकीक और तदबीर से नतीजा आई सामने बहुत से लोग पूरी उम्र टोपी पहनकर तलाश करते हैं खुदा को मस्जिद में हम समझते दाढ़ी टोपी भी फ़रमान नबी के मुताबिक नही होता बहुतों का जबकि मस्जिद में खुदा नहीं मिलते मुसीबत में याद आते हर जगह टोपी दाढ़ी से खुदा प्रकट नहीं होते_अच्छी कारनामे से खुदा दिल में रहता है एक रात ख्वाब में आकर कहने लगे मेरे नबी सुनो ए वसी मस्जिद अक्सा _ खाना ए काबा अल्लाह का घर नहीं है लोग मस्जिद बनाकर तलाश करते अल्लाह को मस्जिद में मेरे दिल में हर समय खुदा_और नबी का फर... (ٹیگ: ردِّ ترمیم ترمیم از موبائل موبائل ویب ترمیم نیا موضوع)
- 18:0418:04، 6 اپریل 2023ء فرق تاریخچہ +1,463 تبادلۂ خیال صارف:جمیلہ قادری رحمۃ اللہ علیہ ←فرشتہ کو کون دیکھتا انسان ہر جگہ نظر آتا ہے مسئلہ ایمانداری کا ہے اسے کون دیکھتا ہے پھولیں خود کو نہیں دیکھتے ہمیں خوشبو دیتی ہے برائی دکھائی دیتا شرافت نظر نہیں آتا ہے نظریں چھپانے والوں میں ایمان کی بُو نہیں ہوتا پھول سبق ہے_ بے جان جاندار کو مہک دیتی ہے ہوش میں آجاؤ وصی اِنسانیت میں محبّت ہوتی ہے..... وصی احمد قادری ! وصی احمد انصاری مفکر مخلوقات ! مفکر کائنات: نیا قطعہ (ٹیگ: ردِّ ترمیم ترمیم از موبائل موبائل ویب ترمیم نیا موضوع)
- 18:0318:03، 6 اپریل 2023ء فرق تاریخچہ +3,142 تبادلۂ خیال صارف:جمیلہ قادری رحمۃ اللہ علیہ /* हम बदले बदले से क्यूं नज़र आते हैं तेरे चेहरा पे हमें मुस्कुराना क्यूं नही आता कभी तुमने सोचा नहीं औरों केलिए कभी इसलिए अपना हर अंदाज बदल दिया है आ जाए कोई रास्ते में तब अपना रुख बदल लेंगे जहान में कोई किसी का नही जो मेरा होगा उसके हो जायेंगे जो इंसानियत में आ जायेगा ढांचा है इंसानी मगर इंसानियत किसी में होता है मजहबी बनना आसान मगर इंसान बनना आसान नहीं होता तब से अबतक जिस तलाश में थे जाने के वक्त मिल गया है इत्मीनान हूं जीवन से मूतमइन नही हूं नई नस्लों से जो देख रहा हूं अब जन्... (ٹیگ: ردِّ ترمیم ترمیم از موبائل موبائل ویب ترمیم نیا موضوع)
- 18:0018:00، 6 اپریل 2023ء فرق تاریخچہ +904 تبادلۂ خیال صارف:جمیلہ قادری رحمۃ اللہ علیہ ←میں زمین کو خبر نہ ہوئی آسماں نے بتایا ایک نیتا نے کہا_ ہم نے یہ کیا وہ کیا اب کرنے والے ہیں اپنی باتوں سے امر ہوگیا جھوٹ کی کھیتی ہواؤں میں اڑتی ہے اپج کی زمین صدا خاموش رہتی ہے ! وصی احمد قادری وصی احمد انصاری: نیا قطعہ (ٹیگ: ردِّ ترمیم ترمیم از موبائل موبائل ویب ترمیم نیا موضوع)
- 17:5917:59، 6 اپریل 2023ء فرق تاریخچہ +2,224 تبادلۂ خیال صارف:جمیلہ قادری رحمۃ اللہ علیہ ←लेकर आबरू तू अपनी छुपाकर भाग गए मेरी नज़रों से नज़रों का सामना तो कर लेते दिल से देखा था नज़र से नहीं दिल चुरा कर ले जाते मेरा आंखें तो नहीं कहती किसी से अब आंखें_ आंखों के इशारे से सभी को देगा इशारा तेरी चोरी का यही है वह आंखें छुपा कर सभी नजरों को जगा देने वाला आंख चलो अच्छा हुआ दिल बचा है मेरा यहां तक हरेक को आने का दिल दरिया होता जिसका वहां बहुत प्यासे डूब जाते हैं वसी अहमद क़ादरी वसी अहमद अंसारी: نیا قطعہ (ٹیگ: ردِّ ترمیم ترمیم از موبائل موبائل ویب ترمیم نیا موضوع)
- 17:5717:57، 6 اپریل 2023ء فرق تاریخچہ +871 تبادلۂ خیال صارف:جمیلہ قادری رحمۃ اللہ علیہ ←محبّت ہے محبّت ضروری ہے لیکن دیوانگی میں نہیں دیوانگی شیطانیت ہے اسے سمجھنا آسان نہیں اِس فعال سے جِسم کا ہر عضو بیمار ہوجاتا ہے بیماری میں خُدا یاد آتا ہے یہی حقیقت ہے وصی احمد قادری وصی احمد انصار: نیا قطعہ (ٹیگ: ردِّ ترمیم ترمیم از موبائل موبائل ویب ترمیم نیا موضوع)
- 17:5517:55، 6 اپریل 2023ء فرق تاریخچہ +3,486 تبادلۂ خیال صارف:جمیلہ قادری رحمۃ اللہ علیہ /* मौत भी डरती है आने से यहां क्योंकि बुलाता है वसी अहमद क़ादरी न बुलाया जाए तो कभी बीमारी और समस्याओं में उलझा कर रखता है मौत कहां मांगनी है और कहां नहीं इसका इल्म सभी मुफ्तियों को नहीं ईसा मसीह ने दुआ की तो ज़िंदा उठा लिए गए इनकी तलाश में है साइंस मौत उसे उलझाकर रखता है जिसे जीवन जीने का तमन्ना बहुत होती है मक्कार वो जल्लाद की उम्र होती है अधिक लोगों को सताने केलिए बे ईमान की जन्नत दुनियां है दो जन्नत मिलना मुमकिन नहीं एक है जन्नत दरवाज़ा सात हैं जन्नत की मगर जन्नत एक ही है ईमानदार... (ٹیگ: ردِّ ترمیم ترمیم از موبائل موبائل ویب ترمیم نیا موضوع)