وصی احمد انصاری
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-- آپ کی مدد کےلیے ہمہ وقت حاضر
محمد شعیب 17:00، 14 فروری 2023ء (م ع و)
آواز بلند ہونا چاہئے جو اب دور اور وقت کا اہم تقاضہ ہے پانچ وقت نماز پڑھانے کا ایک کی ذمےداری بند ہونا چاہیے خود کو قوم کا امام سمجھنے لگے ہیں اور مقتدی کو حقیر جبکہ سبھی قوم کا امام ایک ہیں جنکا نام محمّد صل ہیں نماز پڑھانے والے کو امام نہ سمجھیں پنڈت کو پنڈت سمجھیں نمازیوں کا کمی نہیں لگ بھگ لوگ خطبہ پڑھنا جانتے ہیں ایمانداری ، عدل بحال کرنے کیلئے ہر نماز کیلئے دوسرا لازمی ہے مسجد کی صفائی کرنے والے کو مزدوری دینا لازمی ہوگا فقط جب سے پانچ وقت نماز پڑھانے کیلئے ایک کو منتخب کیا گیا ہے تب سے ہر شخص میں ہم کا دعویٰ بدمعاشی کا طوفان کھڑا ہوا ہے امام کی ہم سے عقل پر پردہ پڑی اور انتجام خاک ہوگئی ہے جھوٹے بچّے سیروانی پغری باندھ کر بزرگ سمجھنے لگا ہے مسجد اب دیکھنے میں مسجد نہیں لگتا بچّے کا کھیل میدان ہے ہوش میں آئیں نماز پڑھانے والے ہم تمہیں امام نہیں سمجھتے ہیں وصی احمد قادری ! وصی احمد انصاری مفکر مخلوقات ! مفکر کائنات
آواز بلند ہونا چاہئے جو اب دور اور وقت کا اہم تقاضہ ہے
پانچ وقت نماز پڑھانے کا ایک کی ذمےداری بند ہونا چاہیے
خود کو قوم کا امام سمجھنے لگے ہیں اور مقتدی کو حقیر
جبکہ سبھی قوم کا امام ایک ہیں جنکا نام محمّد صل ہیں
نماز پڑھانے والے کو امام نہ سمجھیں پنڈت کو پنڈت سمجھیں
نمازیوں کا کمی نہیں لگ بھگ لوگ خطبہ پڑھنا جانتے ہیں
ایمانداری ، عدل بحال کرنے کیلئے ہر نماز کیلئے دوسرا لازمی ہے
مسجد کی صفائی کرنے والے کو مزدوری دینا لازمی ہوگا فقط
جب سے پانچ وقت نماز پڑھانے کیلئے ایک کو منتخب کیا گیا ہے
تب سے ہر شخص میں ہم کا دعویٰ بدمعاشی کا طوفان کھڑا ہوا ہے
امام کی ہم سے عقل پر پردہ پڑی اور انتجام خاک ہوگئی ہے
جھوٹے بچّے سیروانی پغری باندھ کر بزرگ سمجھنے لگا ہے
مسجد اب دیکھنے میں مسجد نہیں لگتا بچّے کا کھیل میدان ہے
ہوش میں آئیں نماز پڑھانے والے ہم تمہیں امام نہیں سمجھتے ہیں
وصی احمد قادری ! وصی احمد انصاری
مفکر مخلوقات ! مفکر کائنات 2402:8100:27E2:6E34:0:24:13E1:4C01 13:32، 23 جون 2023ء (م ع و)
शायरी ज़ौक जहां में ढह के क़रीब जा चुकी थी जब से रखा कदम हमने तो शौक़ जागने लगा है मुद्दत पहले तारीख पलट कर देखें मालूम होगा वसी मेरी हयात ए जीवन की शायरी आखरी सदी ईस्वी होगी दुर्घटना की आगाज़ मेरे मौत के बाद उत्पन होगा यहां जिसे रोकना जहान से बहुत मुश्किल हो जायेगा वासी वसी अहमद क़ादरी! वसी अहमद अंसारी मुफक्किर ए मखलुकात! मुफक्किर ए कायनात
शायरी ज़ौक जहां में ढह के क़रीब जा चुकी थी
जब से रखा कदम हमने तो शौक़ जागने लगा है
मुद्दत पहले तारीख पलट कर देखें मालूम होगा वसी
मेरी हयात ए जीवन की शायरी आखरी सदी ईस्वी होगी
दुर्घटना की आगाज़ मेरे मौत के बाद उत्पन होगा यहां
जिसे रोकना जहान से बहुत मुश्किल हो जायेगा वासी
वसी अहमद क़ादरी! वसी अहमद अंसारी
मुफक्किर ए मखलुकात! मुफक्किर ए कायनात 2402:8100:26D1:738C:0:24:AF08:7E01 07:08، 24 جون 2023ء (م ع و)
दाढ़ी रखने और टोपी पहनने से अगर इंसानियत आ जाती तो सबसे पहले इन सुन्नतों पर अमल करता वसी अहमद कादरी किताबी मुताला और अनुभव है कदीम ज़माना वो वर्तमान का इसलिए कोई काम लोगों को दिखाने केलिए नहीं किया आजतक नकल करना मिरा मिजाज़ नहीं जो किया पहले किया समाज में तब तो धन नहीं मेरे पास रूहानी अमल गज़ा है मिरा जो सभी को नहीं धन से शिक्षा मिल जाती तो कबीर दास मालदार अवश्य होते हमने सब कुछ खोकर फकत पोशीदा अमल किया है उसके खातिर अल्लाह का बंदा है वसी और मुहम्मद की पालन का गुलाम है वसी जहां रहे न रहे हम नही रहेगें आने वाला सदियों ज़माना देखने केलिए वसी अहमद क़ादरी! वसी अहमद अंसारी मुफक्कीर ए मखलुकात! मुफक्किर ए कायनात
दाढ़ी रखने और टोपी पहनने से अगर इंसानियत आ जाती तो
सबसे पहले इन सुन्नतों पर अमल करता वसी अहमद कादरी
किताबी मुताला और अनुभव है कदीम ज़माना वो वर्तमान का
इसलिए कोई काम लोगों को दिखाने केलिए नहीं किया आजतक
नकल करना मिरा मिजाज़ नहीं जो किया पहले किया समाज में
तब तो धन नहीं मेरे पास रूहानी अमल गज़ा है मिरा जो सभी को नहीं
धन से शिक्षा मिल जाती तो कबीर दास मालदार अवश्य होते
हमने सब कुछ खोकर फकत पोशीदा अमल किया है उसके खातिर
अल्लाह का बंदा है वसी और मुहम्मद की पालन का गुलाम है वसी
जहां रहे न रहे हम नही रहेगें आने वाला सदियों ज़माना देखने केलिए
वसी अहमद क़ादरी! वसी अहमद अंसारी
मुफक्कीर ए मखलुकात! मुफक्किर ए कायनात 2402:8100:27F4:5A60:0:31:9535:8501 14:36، 25 جون 2023ء (م ع و)
ہم ہیں اگر جھوٹے وجود شیطانی ہے سچ بول کر ہی اِنسان بنا جا سکتا ہے انسان بنے بغیر خُدا کا ہونا ممکن نہیں خُدا اُسکا ہے جسکا حق العباد اچّھا ہے نماز پڑھنا جنم دینے والے کا نام لینا ہے نام سے نام نہیں ہوتا سچّائی عبادت ہے وصی احمد قادری وصی احمد انصاری مفکر مخلوقات مفکر کائنات
ہم ہیں اگر جھوٹے وجود شیطانی ہے
سچ بول کر ہی اِنسان بنا جا سکتا ہے
انسان بنے بغیر خُدا کا ہونا ممکن نہیں
خُدا اُسکا ہے جسکا حق العباد اچّھا ہے
نماز پڑھنا جنم دینے والے کا نام لینا ہے
نام سے نام نہیں ہوتا سچّائی عبادت ہے
وصی احمد قادری
وصی احمد انصاری
مفکر مخلوقات
مفکر کائنات 2401:4900:3E4F:9B44:DD1C:4F58:782C:C781 15:27، 18 ستمبر 2023ء (م ع و)
آنا نہیں تھا رحمت ، نعمت اور خیر و برکت لیئے بغیر کائنات میں برسات ہونے لگی محمّد کے آمد کے بعد کسی نے روشنی جلا دیے کوئی ہوائی جہاز اُرا دیا محمّد سے پہلے سائنس کی وجود نہیں وہ سائنس داں ہیں جب تک رہیگی دُنیا محمّد کا اُمتِ کرامات دکھاتے رہینگے صفت ہی نہیں با صفت ہے محمّد کی اُمّت اور کوئی نہیں ! ! ! وصی احمد قادری! وصی احمد انصاری مفکر مخلوقات ! مفکر کائنات ۳ ربیع الاوّل ۱۴۴۵ ہجری
آنا نہیں تھا رحمت ، نعمت اور خیر و برکت لیئے بغیر
کائنات میں برسات ہونے لگی محمّد کے آمد کے بعد
کسی نے روشنی جلا دیے کوئی ہوائی جہاز اُرا دیا
محمّد سے پہلے سائنس کی وجود نہیں وہ سائنس داں ہیں
جب تک رہیگی دُنیا محمّد کا اُمتِ کرامات دکھاتے رہینگے
صفت ہی نہیں با صفت ہے محمّد کی اُمّت اور کوئی نہیں ! ! !
وصی احمد قادری! وصی احمد انصاری
مفکر مخلوقات ! مفکر کائنات
۳ ربیع الاوّل ۱۴۴۵ ہجری 106.207.21.204 04:24، 19 ستمبر 2023ء (م ع و)
नारी को बढ़ावा देना और नारी शक्ति का बिल पास होना देश और दुनियां की विकाश नहीं बलिके विनाश होना है
नारी को शक्ति समझना और नारी शक्ति को बढ़ावा देना और नारी शक्ति का बिल पास होना लोकतंत्र ही नही इंसानियत में भंग होना निश्चित है । और देश विदेश का विकाश नही बलिके विनाश होने की घंटी
नारी शक्ति का बिल पास होने से हत्या , बुराई, बेहयाई, बेईमानी और झूठ इत्यादि की रूप अंतिम चरण पर होगा ।
नारी शक्ति बिल पास होने से हर घर की मर्द दिमागी संतुलन खो बैठेगा और सदा जहनी बीमार रहेगा और घर विकाश की ओर नही विनाश की ओर बढ़ेगी।
शक्ति की पूजा उस समय वह लोग करते आ रहें हैं जिन्हें एक खुदा होने का यकीन नही था जिन्हें एक खुदा होने पर यकीन था ऐसे लोग अपने से कमज़ोर लोगों का हत्या नहीं करते थे और न ही धन को शक्ति समझते थे चूंकि वह जानते थे किसी पर ज़ुल्म करना कमज़ोर लोगों को अपनी इशारे पर नचाना और इशारे पर न चलने वालों की हत्या कर देना ये बुझदिल, कमज़र्फ और नकारात्मक मस्तिक की पहचान है जिसका बुरा नतीजा मरने के बाद ही शुरू होता है जिसका अंत नहीं है ।
सभी इंसान का बाप ( आदम ) है आदम के ज़माने में इंसानियत नही था सिर्फ़ Generation Create का जमाना था और न ही उस समय शिक्षा था और न ही शिक्षा का प्रचलन था उस युग के नाकारा लोगो का नस्ल ख़ुद को ईश्वर को एक समझने की चेष्ठा नहीं की और शक्ति को भगवान समझने लगा जिस कारण आज भी कुछ लोग शक्ति की पूजा करते हैं और यह बीमार मस्तिक होने की पहचान है ।
आदम से लेकर मुहम्मद के आने से कबल बहुत सारे भगवान और औतार आए लेकिन धरती उपजाऊ न हुई और न ही जीव जंतु की सही पहचान मिली न ही कोई सही दिशा पर चल रहे थे जब धरती पर ( मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम आए) आए तब से धरती हर प्रकार से उपजाऊ हुई और हर प्रकार की खनिज पदार्थ से लेकर धरती और ब्रह्माण्ड चमकने लगी और तरह तरह का जन शुभिदा का विस्तार हुआ क्योंकि आप मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम पूरे मखलुकात और ब्रह्माण्ड के लिए रहमत, नेमत और बरकत बनाकर भेजे गए हैं और जबतक दुनियां रहेगी अब कोई अवतार नही आयेगा लेकिन शैतान और शैतान का गुरु जन्म लेता रहेगा नकारा लोग शैतान की बातों पर अमल करेगा और सकारात्मक मस्तिक के लोग इंसानियत ज़िंदा रखने की प्रयास में लगें रहेंगे और अच्छे से अच्छा कर्तव करेगा यही ईश्वर का फ़रमान है और ईश्वर को किसी ने नहीं देखा और जो दिखाई देता है मूरत की शक्ल में शैतान है ।
मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम से पहले साइंस नहीं और साइंस से पहले दुनिया में विकाश नही और सबसे अधिक शक्ति साली मुहम्मद हैं और जबतक दुनियां रहेगी मुहम्मद का ज़माना ही रहेगा क्योंकि ईश्वर ने कहा मुहम्मद के बाद किसी को नही भेजूंगा जो लोग नाकारा सोच रखते हैं ऐसे लोग ही धरती का बादशाह हुवे शक्ति और गलत ढंग से जनता को गुमराह करके देश विदेश में PM aur President बने हैं पूरे ब्रह्माण्ड का बादशाह मुहम्मद हैं लेकिन किसी देश की बादशाह नही बने आख़िर क्यों सोचिए अगर मुहम्मद बादशाह बन जाते तो दुनियां उसी समय विनाश हो जाता लेकिन विनाश नहीं हुआ बालिके विकाश हुआ है अब महिला को बढ़ावा देना इंगलिश देश का फ़रमान मालूम होता है और महिला शक्ति को बढ़ावा देना सब कुछ विनाश होने की घंटी मालूम हो रहा है ( दरवेश ) वसी अहमद क़ादरी कहते हैं अगर देश इण्डिया और दुनियां को आबाद रखना है तो महिला शक्ति घोषणा वापिस ले और महिला को घर तक ही सीमित रखें और अच्छी आचरण से जीवन गुजारें ताकि उनकी संतान अच्छा कर्तव दुनियां में पेश कर सके महिलाओं में अच्छी आचरण होने की अलामात करोड़ों में एक बड़ी मुश्किल से पाया जाता है ।
बकिए विस्तार से मेरी लिखी हुई पुस्तक में पढ़ने को मिलेगी ।
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी
ब्रह्माण्ड विचारक
लेखक! कवि
19 सितंबर 2023 117.99.226.224 12:21، 20 ستمبر 2023ء (م ع و)
आना नहीं था दया, नेमत और ख़ैर ओ बरकत लिए बगैर ब्रह्मांड में बरसात होने लगी मुहम्मद के आने के बाद किसी ने रौशनी जला दिया कोई हवाई जहाज़ उड़ा दिए मुहम्मद से पहले साइंस का आस्तित्व नहीं वह साइंस दान है जब तक रहेगी दुनियां मुहम्मद का उम्मत करामात दिखाते रहेगें वसी अहमद कादरी वसी अहमद अंसारी
आना नहीं था दया, नेमत और ख़ैर ओ बरकत लिए बगैर
ब्रह्मांड में बरसात होने लगी मुहम्मद के आने के बाद
किसी ने रौशनी जला दिया कोई हवाई जहाज़ उड़ा दिए
मुहम्मद से पहले साइंस का आस्तित्व नहीं वह साइंस दान है
जब तक रहेगी दुनियां मुहम्मद का उम्मत करामात दिखाते रहेगें
वसी अहमद कादरी
वसी अहमद अंसारी 2401:4900:1203:F3D1:2:2:A0FA:27EB 05:57، 24 ستمبر 2023ء (م ع و)
جہان میں آئے محمّد مگر لیکر نہیں آئے مذہب محمّد کائنات و مخلوقات کیلئے رحمت بناکر بھیجے گئے مُحمّد رحمتِ ، نعمت اور ایجاد کے بانی کا لقب خدا نے عطا کیا ہے لاکھ پیغمبر آئے لاکھوں سال میں تاریکیاں میں تبدیلی نہیں آیا محمّد کے آتے انسانی دِماغ کھوج ،تحقیق ایجاد کردہ بنا گر محمّد کا مذہب اسلام ہوتا تو رحمت آئے العالمین کا درجہ نہیں ملتا مذاھب کا ایجاد کردہ بانی _ یہود و نصرانی ہے فقط انسانی ڈھانچہ میں انسانیت نہ آئے یہی یہودی کا اہم مشن ہے محمّد کے فطرت میں رحمتوں کا نزول تھا انسان پر حکومت نہیں زحمت ہے روئے زمین پر یہودی جو جمہوری حکومت کا بانی ہے جسے یقینِ کامل ہے صدا رہنے والی زندگی وہ محمّد کا اصلی اُمّت ہے وصی احمد قادری وصی احمد انصاری
جہان میں آئے محمّد مگر لیکر نہیں آئے مذہب محمّد
کائنات و مخلوقات کیلئے رحمت بناکر بھیجے گئے مُحمّد
رحمتِ ، نعمت اور ایجاد کے بانی کا لقب خدا نے عطا کیا ہے
لاکھ پیغمبر آئے لاکھوں سال میں تاریکیاں میں تبدیلی نہیں آیا
محمّد کے آتے انسانی دِماغ کھوج ،تحقیق ایجاد کردہ بنا
گر محمّد کا مذہب اسلام ہوتا تو رحمت آئے العالمین کا درجہ نہیں ملتا
مذاھب کا ایجاد کردہ بانی _ یہود و نصرانی ہے فقط
انسانی ڈھانچہ میں انسانیت نہ آئے یہی یہودی کا اہم مشن ہے
محمّد کے فطرت میں رحمتوں کا نزول تھا انسان پر حکومت نہیں
زحمت ہے روئے زمین پر یہودی جو جمہوری حکومت کا بانی ہے
جسے یقینِ کامل ہے صدا رہنے والی زندگی وہ محمّد کا اصلی اُمّت ہے
وصی احمد قادری
وصی احمد انصاری 2401:4900:1205:2E5A:2:1:A85F:82E9 07:14، 26 ستمبر 2023ء (م ع و)
जहान आस्तित्व नहीं होता गर नूर का नजूल नही होता नूर से ब्रह्मांड बनाया गया मुहम्मद के जहूर से दुनिया चमकने लगी जहान में आए मुहम्मद लेकर नही आए धर्म मुहम्मद ब्रह्मांड और जीव के लिए रहमत बनाकर भेज गए मुहम्मद दया _नेमत और आविष्कार का उपनाम ईश्वर ने अता किया है लाख पैगंबर आए लाखों सालों मे अंधेरा में रौशनी नही जला सके मुहम्मद के आने से इंसान का मास्तिक ख़ोज सर्च और आविष्कार बना मुहम्मद का मजहब इस्लाम होता तो रहमतुलील आलामीन नहीं होते वसी अहमद क़ादरी वसी अहमद अंसारी कवि! लेखक 26 सितंबर 2023
जहान आस्तित्व में न आती गर नूर का नजूल नही होता
नूर से ब्रह्मांड बनाया गया मुहम्मद के जहूर से दुनिया चमकने लगी
जहान में आए मुहम्मद लेकर नही आए धर्म मुहम्मद
ब्रह्मांड और जीव के लिए रहमत बनाकर भेज गए मुहम्मद
दया _नेमत और आविष्कार का उपनाम ईश्वर ने अता किया है
लाख पैगंबर आए लाखों सालों मे अंधेरा में रौशनी नही जला सके
मुहम्मद के आने से इंसान का मास्तिक ख़ोज सर्च और आविष्कार बना
मुहम्मद का मजहब इस्लाम होता तो रहमतुलील आलामीन नहीं होते
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी
कवि! लेखक
26 सितंबर 2023 2401:4900:1205:2E5A:2:1:A85F:82E9 12:58، 26 ستمبر 2023ء (م ع و)
कौन है वह धर्मों बनाकर _ धर्म का सत्यानाश कर रहा है
ये नजदीकियां बहुत ही दूर दिखाई देता है
क़रीब रहते हुए लोग अजनबी दिखाई देता
कुछ लोग कहते यह मेरा रिश्तेदार है अपना
हम कहते हैं फकत ये रस्म रिवाज़ कायम है
कोई अपना नहीं होता मुसीबत के आलम में
सभी आदम के औलाद हैं मात्र कहने केलिए
आदम के युग में भाई भाई का कत्ल करते थे
अनपढ़ दौर शिक्षा उदय नही वैसा वह दौर था
वर्तमान में शिक्षित लोग गैर शिक्षित मालूम होता है
कौन है वह धर्मों बनाकर धर्म का सत्यानाश कर रह है
वसी अहमद कादरी ! वसी अहमद अंसारी
ब्रह्मांड विचारक ! कबी ! लेखक 2401:4900:168B:DC50:2:2:ADA5:6F65 03:45، 27 ستمبر 2023ء (م ع و)
आंखें देखती है जमीं वो आसमां तलक ए वसी जो की दिल_ दिमाग के शक्ति में नहीं होता है हरेक दिल एक जैसा नहीं कहता हर किसी का दिल जो प्राकृतिक होता वे कौन सा दिल होता है अधिकतर लोग कहते हैं जो है वही 2024 में होगा कोई बताए लिखित में इण्डिया और US में कौन होगा कई दावेदार हैं यहां से वहां तक PM और President बनने में नजूमी केया बताए _ है कोई जो देखता है ब्रह्माण्ड में वसी अहमद कादरी वसी अहमद अंसारी ब्रह्माण्ड विचारक कवि! लेखक 03 अक्टूबर 2023
आंखें देखती है जमीं वो आसमां तलक ए वसी
जो की दिल_ दिमाग के शक्ति में नहीं होता है
हरेक दिल एक जैसा नहीं कहता हर किसी का
दिल जो प्राकृतिक होता वे कौन सा दिल होता है
अधिकतर लोग कहते हैं जो है वही 2024 में होगा
कोई बताए लिखित में इण्डिया और US में कौन होगा
कई दावेदार हैं यहां से वहां तक PM और President बनने में
नजूमी केया बताए _ है कोई जो देखता है ब्रह्माण्ड में
वसी अहमद कादरी
वसी अहमद अंसारी
ब्रह्माण्ड विचारक
कवि! लेखक
03 अक्टूबर 2023 2401:4900:71CF:1A8:8A99:4850:1EAA:6816 10:55، 3 اکتوبر 2023ء (م ع و)
جادو دکھایا جاتا کرامات ظاہر ہوتا دکھایا نہیں جاتا ہے ( وصی احمد انصاری ! وصی احمد قادری ! 3 اکتوبر 2023
کے قرار نہیں دل کو اقرار آیا ہے
وہ بڑھے اِدھر تو اُدھر جایا جائیگا
مطلب میں ہم مطلب نہ ہو اگر وصی
جو دیکھا ہے کائنات میں بتایا جائیگا
یوہیں نہیں وصی وصیت کیا گیا ہے
کے مان لو میرا تو پھر بیٹھا دیا جائےگا
چلتے پھرتے رہوگے اگر گمراہوں کے ساتھ
پھر ایسا ہوگا جو ابھی بتایا نہیں جائےگا
سوچنے کا وقت اب نہ رہا سنئے نیتا جی
لیڈروں کی صلاح سے فلاح پانا ممکن نہیں
جو مصروف ہے صلاح دینے میں وہ قابل نہیں
سچّائی کے ساتھ ایک اصول شخص میں الہامی اثر ہوتا ہے
جادو دیکھایا جاتا کرامات ظاہر ہوتا دیکھایا نہیں جاتا ہے
ظاہر ہو چُکا ہے اگر کرامات کسی اشخاص سے وہ رحمتِ زمیں ہے
وصی احمد انصاری
وصی احمد قادری 2401:4900:71C7:BAAA:1E7B:11BD:DEEA:4818 14:10، 3 اکتوبر 2023ء (م ع و)
कैसा युग आगया है वार्ड काउंस्लर और एमएलए को नेता कहा जाने लगा है जबकि नेता का लक़ब सांसद भवन पहुंचने के बाद से शुरू होता फिर भी नेता नही होता सफ़ाई कराने वालों को वार्ड काउंसलर शहर में आवाज़ उठाने वाले को MLA कहा जाए जो अवाम की आवाज़ बन जाए उसमें कखुबियां होती उसे ही नेता कहा जाए वसी अहमद क़ादरी वसी अहमद अंसारी
कैसा युग आगया है वार्ड काउंस्लर और एमएलए को नेता कहा जाने लगा है
जबकि नेता का लक़ब सांसद भवन पहुंचने के बाद से शुरू होता फिर भी नेता नही होता
सफ़ाई कराने वालों को वार्ड काउंसलर शहर में आवाज़ उठाने वाले को MLA कहा जाए
जो अवाम की आवाज़ बन जाए उसमें कखुबियां होती उसे ही नेता कहा जाए
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी 2401:4900:71C7:BAAA:1E7B:11BD:DEEA:4818 16:12، 3 اکتوبر 2023ء (م ع و)
जो देखा है कायनात में वह सियासी दल को बताया जायेगा! वसी अहमद अंसारी ( वसी अहमद क़ादरी )
इकरार नहीं दिल को_ के क़रार आया है
वह बढ़े इधर _तो उधर सोचा जायेगा
मतलब में अगर हम मतलब न हो वसी
जो देखा ब्रह्माण्ड में सियासी दल को बताया जाएगा
यूहीं नहीं है वसी _ वसीयत किया गया है जहान में
के मान लो मेरा कहना फिर मौक़ा दिया जायेगा
सलाह वो मशवरा में रहेगें अगर झूठे मक्कार के साथ
फिर ऐसा होगा जो कि अभी बताया नहीं जायेगा
सोचने का समय न रहा_ सच्चे की बातों को मान लेना है
इधर उधर वो सलाहकारों की मशवरा में अब फतह नहीं
जो देखता है कायनात में वही बेरा पार करा सकता है
जादू दिखाया जाता _ करामात ज़ाहिर होजाता समय पर
इलहामी शिफत करोड़ों में एक भाषण देने वाला हर घर में होता है
ज़ाहिर हो चुका है करामात किसी मनुष्य से वह रहमत है ज़मीन पर
2024 में केया होगा इण्डिया वो अमेरिका में जानिए उधर से
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी
मुफक्किर ए मखलुकात
मुफक्किर ए कायनात
04 अक्टूबर 2023 2401:4900:3E4F:F8B1:5DDA:3444:7475:4E0D 15:14، 4 اکتوبر 2023ء (م ع و)
अंधेरे में रहते हैं रौशनी की अहमियत समझने के लिए सदा रौशनी में रहने वाले तारिक की गुण से वाकिफ नहीं होता कपड़े की शाइनिंग से पहनने वाले सभी नही चमकते हैं चमकने वाले अपनी इल्म वो अदा से चमकते आसमानी रंग से नही आसमां नीला धरती मटिया आँखें चमकती है आसमान में लोग चमकते हैं ज़मीन पर ज़मीन पर कोई आँखें नही चमकती है वसी अहमद क़ादरी वसी अहमद अंसारी मुफक्किर ए मखलुकात मुफक्किर ए कायनात 8 अक्टूबर 2023 k
अंधेरे में रहते हैं रौशनी की अहमियत समझने के लिए
सदा रौशनी में रहने वाले तारिक की गुण से वाकिफ नहीं होता
कपड़े की शाइनिंग से पहनने वाले सभी नही चमकते हैं
चमकने वाले अपनी इल्म वो अदा से चमकते आसमानी रंग से नही
आसमां नीला धरती मटिया आँखें चमकती है आसमान में
लोग चमकते हैं ज़मीन पर ज़मीन पर कोई आँखें नही चमकती है
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी
मुफक्किर ए मखलुकात
मुफक्किर ए कायनात
8 अक्टूबर 2023
2401:4900:705C:A7DF:25DE:9096:382F:DCD1 05:02، 8 اکتوبر 2023ء (م ع و)
दौलतमंद को लोग दूर से पहचान लेते लेकिन ज्ञानी पहचान में नही आता है केया समझना मुश्किल है यहां ए वसी अमीरी गरीबी पहचानना आसान है जो खुदा देखता वे आंखों में नही होता आंखों में होता जो वह खुदा नहीं होता खुदा दिल में है न देखने न वजूद में है माथा देखते हैं बुद्धि दिखाई नही देता वसी अहमद क़ादरी वसी अहमद अंसारी मुफक्किर ए मखलुकात मुफक्किर कायनात 9 अक्टूबर 2023
दौलतमंद को लोग दूर से पहचान लेते
लेकिन ज्ञानी पहचान में नही आता है
केया समझना मुश्किल है यहां ए वसी
अमीरी गरीबी पहचानना आसान है
जो खुदा देखता वे आंखों में नही होता
आंखों में होता जो वह खुदा नहीं होता
खुदा दिल में है न देखने न वजूद में है
माथा देखते हैं बुद्धि दिखाई नही देता
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी
मुफक्किर ए मखलुकात
मुफक्किर कायनात
9 अक्टूबर 2023 2401:4900:3628:83FE:2:1:E576:247A 12:56، 9 اکتوبر 2023ء (م ع و)
बहुत लोग चाहते हैं मेरा कोठी और घर देख ले कौन लोग होते जो अपना घर दिखाना नही चाहते कोठी सज़ा होता लेकिन रहमत पर पाबंदी खुदको लगा रखा है रहमत बरस रही है कैसे समझे कोई इसकी पहचान जो रखते हैं चारो दिशा की पहचान उन्हें अनजान समझते हैं जबकि धन में दिल नही होता चाहत से धन भी नही मिलता जन्म हुई जहां मेरी उसी जगह मौत होना भी नही दिखता यही वह लीला है परमेश्वर की जो हर कोई नही समझ सकता वसी अहमद क़ादरी वसी अहमद अंसारी मुफक्किर ए मखलुकात मुफक्किर ए कायनात 9 अक्टूबर 2023
बहुत लोग चाहते हैं मेरा कोठी और घर देख ले
कौन लोग होते जो अपना घर दिखाना नही चाहते
कोठी सज़ा होता लेकिन रहमत पर पाबंदी खुदको लगा रखा है
रहमत बरस रही है कैसे समझे कोई इसकी पहचान
जो रखते हैं चारो दिशा की पहचान उन्हें अनजान समझते हैं
जबकि धन में दिल नही होता चाहत से धन भी नही मिलता
जन्म हुई जहां मेरी उसी जगह मौत होना भी नही दिखता
यही वह लीला है परमेश्वर की जो हर कोई नही समझ सकता
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी
मुफक्किर ए मखलुकात
मुफक्किर ए कायनात
9 अक्टूबर 2023 2401:4900:3628:83FE:2:1:E576:247A 14:12، 9 اکتوبر 2023ء (م ع و)
اِس عمر میں بھی رزق حلال سے در کنار کر دیا گیا ہوں ایسا لگنے لگا ہے وصی مُجھکو موت عنقریب آچکی ہے زندگی کی خوشیاں اُسے موئثر ہے شاید جو زندگی کا ہوگیا ہم زندگی کا نہ ہو سکے کیا یہ میری لکھی ہوئی تقدیر ہے کیا وصی احمد قادری وصی احمد انصاری مفکر مخلوقات مفکر کائنات 10 اکتوبر 2023
اِس عمر میں بھی رزق حلال سے در کنار کر دیا گیا ہوں
ایسا لگنے لگا ہے وصی مُجھکو موت عنقریب آچکی ہے
زندگی کی خوشیاں اُسے موئثر ہے شاید جو زندگی کا ہوگیا
ہم زندگی کا نہ ہو سکے کیا یہ میری لکھی ہوئی تقدیر ہے کیا
وصی احمد قادری
وصی احمد انصاری
مفکر مخلوقات
مفکر کائنات
10 اکتوبر 2023
2401:4900:362E:87D5:2:2:E99F:22A6 08:02، 10 اکتوبر 2023ء (م ع و)
मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है यहां कोई एडमिनिस्ट्रेशन नही है रिर्जव बोगी में लुटेरे का हजूम है कन्फर्म सीट वाले बैठते जमीन पर वेटिंग वाले सीट पर बैठा है शान से टीटी की गुंडा गर्दी मुकम्मल उरूज पर वेतन के अलावा हर रोज़ हज़ार चाहिए यही है महानता की भारत महान है ज़रूरी नही महान पद महान होता है एडमिंस्ट्रेशन और इंसाफ़ ऊंची पद माने देश को देश से एक को दूसरे से नफ़रत नफरती पहचान अच्छे मुनष्य का काम नहीं वसी अहमद क़ादरी वसी अहमद अंसारी कवि ! लेखक मुफक्कीर ए मखलुकात मुफक्कीर ए कायनात 11 अक्टूबर 2023
मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है
यहां कोई एडमिनिस्ट्रेशन नही है
रिर्जव बोगी में लुटेरे का हजूम है
कन्फर्म सीट वाले बैठते जमीन पर
वेटिंग वाले सीट पर बैठा है शान से
टीटी की गुंडा गर्दी मुकम्मल उरूज पर
वेतन के अलावा हर रोज़ हज़ार चाहिए
यही है महानता की भारत महान है
ज़रूरी नही महान पद महान होता है
एडमिंस्ट्रेशन और इंसाफ़ ऊंची पद माने
देश को देश से एक को दूसरे से नफ़रत
नफरती पहचान अच्छे मुनष्य का काम नहीं
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी
कवि ! लेखक
मुफक्कीर ए मखलुकात
मुफक्कीर ए कायनात
11 अक्टूबर 2023 2401:4900:168A:B518:1:1:F9C5:6312 12:22، 11 اکتوبر 2023ء (م ع و)
یہ دور ہمارا ہے لیکِن میرا کُچھ نہیں ہے لوگ کہتے ہیں بِ گھر بِ روزگار ہے وصی حقیقت ہے ہم کیا ہیں ہمیں معلوم نہیں ہے خواجہ غریب نواز کا گھر حیات سے نہیں مقبرہ خواجہ دونوں جہاں میں روشن ہے میرے دور میں مودی محل میں رہتے ہیں مودی کا محل حیاتِ دُنیا یادگار نہیں رہیگا صدا یادگار رہیں گے خواجہ یہاں اور وہاں تاریخی کتاب بادشاہِ دُنیا دیکھ نہیں سکتے اپنا اور جہان کی داستاں درویش دیکھتا ہے خُدا کا ایجاد کردہ آفتاب و ماہتاب سبھی دیکھتے ہیں بلب و ہوائی جہاز کی ایجاد کردہ خود دیکھنے سے محروم ہے نئی نسل کے لوگ کہتےہیں ہم نے کئی ملک دیکھا ہے وصی احمد قادری کہتے ہیں اس نے یکطرفہ جہان دیکھا ہے وصی احمد قادری ! وصی احمد انصاری مفکر مخلوقات ! مفکر کائنات 11 اکتوبر 2023 ، چہار شنبہ
یہ دور ہمارا ہے لیکِن میرا کُچھ نہیں ہے
لوگ کہتے ہیں بِ گھر بِ روزگار ہے وصی
حقیقت ہے ہم کیا ہیں ہمیں معلوم نہیں ہے
خواجہ غریب نواز کا گھر حیات سے نہیں
مقبرہ خواجہ دونوں جہاں میں روشن ہے
میرے دور میں مودی محل میں رہتے ہیں
مودی کا محل حیاتِ دُنیا یادگار نہیں رہیگا
صدا یادگار رہیں گے خواجہ یہاں اور وہاں
تاریخی کتاب بادشاہِ دُنیا دیکھ نہیں سکتے
اپنا اور جہان کی داستاں درویش دیکھتا ہے
خُدا کا ایجاد کردہ آفتاب و ماہتاب سبھی دیکھتے ہیں
بلب و ہوائی جہاز کی ایجاد کردہ خود دیکھنے سے محروم ہے
نئی نسل کے لوگ کہتےہیں ہم نے کئی ملک دیکھا ہے
وصی احمد قادری کہتے ہیں اس نے یکطرفہ جہان دیکھا ہے
وصی احمد قادری ! وصی احمد انصاری
مفکر مخلوقات ! مفکر کائنات
11 اکتوبر 2023 ، چہار شنبہ 2401:4900:40F4:4F65:0:69:3C6F:D301 16:45، 12 اکتوبر 2023ء (م ع و)
We have not written our writing with a pen, but it has been written by the hand of God (Wasi Ahmad Qadri) Wasi Ahmad Ansari.
We have not written our writing with a pen, but it has been written by the hand of God (Wasi Ahmad Qadri) Wasi Ahmad Ansari.
This era is ours but nothing is mine
People say that without a home, without employment, the will is
The truth is we do not know what we are
Khawaja Gharib Nawaz's house is not from Hayat
Khawaja's tomb is bright in both places
In my time, Modi lives in the palace
Modi's Palace Hayat-e-Dunya will not be a monument
Khwaja will be remembered here and there
The King of the World cannot see the historical book
Dervish sees his own story and that of the world
The sun and moon created by God are seen by all
The invention of the light bulb and the airplane itself is deprived of sight
New generation people say we have seen many countries
Wasi Ahmad Qadri says he has seen a one-sided world
Wasi Ahmad Qadri ! Wasi Ahmed Ansari
Thinking creatures! The thinker of the universe
11 October 2023, Wednesday 2401:4900:40F4:4F65:0:69:3C6F:D301 18:01، 12 اکتوبر 2023ء (م ع و)
जब मसाजिद कम था जहान में तब ईमान में पुख्तगी थी अब बेशुमार मस्जिदें है मुस्लिम ईमानदार नज़र नहीं आते आज मुआशरा बदल जायेगी अगर उलमा झूठ से तौबा कर लें ईमाम नही चाहते सभी एक जैसे होजाए इसलिये सच्चाई बयां नहीं करते जिस समाज की ईमाम झूठा हो उस समाज में सच्चे का कोई कद्र न होगा मेरा दावा है जिस समाज में सच्चा ईमाम हो वहां सच्चा ईमान ज़िंदा होगा नमाज़ का ताल्लुक ईमान से नही ईमान का फ़र्ज़ से नहीं है अदायेगी का नाम फर्ज़ है खुदा ने जन्म दिया उसका सजदा करना कर्तव है माता पिता के वसीले बच्चा वजूद में आता इनकी अदायेगी फर्ज है वसी अहमद कादरी वसी अहमद अंसारी मुफक्किर ए मखलुकात मुफक्किर ए कायनात
जब मसाजिद कम था जहान में तब ईमान में पुख्तगी थी
अब बेशुमार मस्जिदें है मुस्लिम ईमानदार नज़र नहीं आते
आज मुआशरा बदल जायेगी अगर उलमा झूठ से तौबा कर लें
ईमाम नही चाहते सभी एक जैसे होजाए इसलिये सच्चाई बयां नहीं करते
जिस समाज की ईमाम झूठा हो उस समाज में सच्चे का कोई कद्र न होगा
मेरा दावा है जिस समाज में सच्चा ईमाम हो वहां सच्चा ईमान ज़िंदा होगा
नमाज़ का ताल्लुक ईमान से नही ईमान का फ़र्ज़ से नहीं है
अदायेगी का नाम फर्ज़ है खुदा ने जन्म दिया उसका सजदा करना कर्तव है
माता पिता के वसीले बच्चा वजूद में आता इनकी अदायेगी फर्ज है
वसी अहमद कादरी
वसी अहमद अंसारी
मुफक्किर ए मखलुकात
मुफक्किर ए कायनात 2401:4900:820E:6CE4:A5BF:EE99:49EA:B8C9 06:11، 14 اکتوبر 2023ء (م ع و)
We belong to the one who is truthful and does not belong to anyone who lies. Be it a son or a daughter, if it is not true then it will neither be mine nor God's. The worshiper of Nafs sacrifices his parents for his own desires. Whoever worships God, speaking the truth is His order. One who spends his life abandoning the truth has no religion The lifestyle of Jews and Muslims is the same In such a situation, why should God help the Muslims of Palestine? God has neither been nor will be on the side of any person or religion. God does not like the destruction of humanity by one lie. No one should offer namaz or go to the temple, but if he is true then God is his protector. The Muslims of this era are bent upon competing with non-Muslims. There is no mercy in the fighter, there is no fragrance in the Aqsa Mosque. Wasi Ahmad Qadri Wasi Ahmad Ansari Mufakkir E Makhlukat Mufakkir e kainat
We belong to the one who is truthful and does not belong to anyone who lies.
Be it a son or a daughter, if it is not true then it will neither be mine nor God's.
The worshiper of Nafs sacrifices his parents for his own desires.
Whoever worships God, speaking the truth is His order.
One who spends his life abandoning the truth has no religion
The lifestyle of Jews and Muslims is the same
In such a situation, why should God help the Muslims of Palestine?
God has neither been nor will be on the side of any person or religion.
God does not like the destruction of humanity by one lie.
No one should offer namaz or go to the temple, but if he is true then God is his protector.
The Muslims of this era are bent upon competing with non-Muslims.
There is no mercy in the fighter, there is no fragrance in the Aqsa Mosque.
Wasi Ahmad Qadri
Wasi Ahmad Ansari
Mufakkir E Makhlukat
Mufakkir e kainat 223.225.62.241 11:52، 14 اکتوبر 2023ء (م ع و)
اللہ اور محمّد صل اللہ علیہِ وسلّم کو سمجھنا آسان ہے یہودی کو سمجھنا آسان نہیں ہے ۔۔۔۔۔ جبکہ اِس دور کا نمازی اللہ اور محمّد کو بھی طریقے سے سمجھنے کیلئے اپنے دِل دماغ کو اپلائی نہیں کرتے ہیں بلکہ دُنیا کمانے اور کھانے میں لگے ہیں وہ بھی ذلّت والی۔۔۔۔ ( وصی احمد قادری ! وصی احمد انصاری )
محمّد صل اللہُ علیہ وسلّم کوئی مذہب لیکر نہیں آئے ہاں انہیں اللہ نے اپنا خاص مکرّر نبی بناکر دُنیا میں بھیجے تاکہ مُحمّد کی کردار اور عمل دیکھ کر انسان ویسا ہی کرنے لگے تاکہ انسانی ڈھانچہ میں اِنسانیت آ جائے ۔
اُسی طرح یہودی کا کوئی مذہب نہیں ہے اور نہ کوئی قوم ہے بلکہ پوری دُنیا میں نہ کے برابر یہودی کی آبادی ہے ۔
مذہب کا اور آزادی کا جنم داتا یہودی ہے اور پچھلے 100 سالوں سے یہودی کی بنائی ہوئی قانون پر عمل ہو رہا اور دُنیا بھر میں اسی قانون کے تحت سبھی اپنے اپنے مُلک میں اِسکے تحت سرکاری کام کو انجام دے رہا ہے اور سبھی مذہب کے لوگ ڈیموکریسی قانون کی تحت خُدا کی عبادت کرتے ہیں اور خاص طور سے اِس دور کا نمازی محمّد صل اللہ علیہِ وسلّم کی فرمان کے مطابق عمل پیرا نہیں ہے ۔۔۔۔۔۔
نوٹ: قرآن میں جو لکھا ہے اور جو محمّد کا فرمان ہے اِن پر یہودی کا مکمّل یقین ہے بلکے یہودی اپنے سارے کاموں کو انکے مطابق ہی کرتے ہیں اسکا زندہ مشال یہ ہے کہ قرآن کے مطابق کائنات ، مخلوقات ، نباتات اور جمادات کہ ہر خطّے میں سرچ تحقیق کیا اور ایجاد کیا جسے سائنس کہتے ہیں جس پر مکمّل قبضہ یہودی کا ہے لیکن دنیا میں اپنا سکّہ جمائے رکھنے کیلئے عیسائی میں ایک جماعت کو ملا رکھا ہے جِس سے دنیا بھر میں جمہوری نظام اور قانون پر عمل ہوتا رہے ۔۔۔۔۔۔۔
یعنی قرآن اور محمد کی اقوال کو سچّا پکّا سمجھ کر اپنا لیا ہے اور دُنیا کی تمام انسانوں کو آپس میں لرواتے رہتے ہیں جو مذہبی دائرے میں شمار کرکے حکومت کر رہا ہے یعنی ہمارے تحقیق اور فِکر کے مطابق یہودی کو سمجھنا آسان نہیں ہے یہودی اور یہودی کے کارنامے کو پوری دُنیا میں کُچھ لوگ ہی سمجھتے ہیں لیکن تھوڑا تھوڑا( وصی احمد قادری ! وصی احمد انصاری بھی سمجھنے لگے ہیں جو کہ انڈیا میں انڈیا سے ہیں ۔۔۔۔۔
وصی احمد قادری ! وصی احمد انصاری
مفکر مخلوقات ! مفکر کائنات ! 15 اکتوبر 2023 ، یک سنبہ 2401:4900:2EEA:D372:0:B:A342:A801 07:52، 15 اکتوبر 2023ء (م ع و)